Amanta Healthcare IPO: निवेशकों के लिए नए अवसर और उम्मीदें जब भी कोई नया आईपीओ (IPO) बाजार में आता है, तो निवेशकों के मन में उत्सुकता और सवाल दोनों साथ-साथ चलते हैं। हाल ही में अहमदाबाद की जानी-मानी फ़ार्मास्युटिकल कंपनी अमांता हेल्थकेयर (Amanta Healthcare) ने अपना 126 करोड़ रुपये का आईपीओ लॉन्च किया है। यह आईपीओ सोमवार को खुल चुका है और बुधवार तक निवेशक इसमें आवेदन कर पाएंगे। कंपनी की योजना है कि इसके शेयर 8 सितंबर को बीएसई और एनएसई पर सूचीबद्ध होंगे।
आईपीओ का दायरा और कीमत
इस पब्लिक ऑफर में कंपनी ने 1 करोड़ नये शेयर जारी करने का निर्णय लिया है। यानी यह पूरा इश्यू फ्रेश इश्यू है और इसमें प्रमोटर्स द्वारा किसी भी तरह की सेलिंग नहीं की जा रही। कंपनी ने शेयर का प्राइस बैंड ₹120 से ₹126 प्रति इक्विटी शेयर तय किया है।
ग्रे मार्केट में उत्साह
निवेशकों के लिए सबसे दिलचस्प पहलू यह है कि ग्रे मार्केट में पहले से ही इस शेयर की अच्छी मांग देखने को मिल रही है। खबरों के अनुसार, अमांता हेल्थकेयर का शेयर अपने ऊपरी प्राइस बैंड पर लगभग 22% प्रीमियम पर ट्रेड कर रहा है। इसका मतलब यह है कि निवेशकों को लिस्टिंग पर अच्छे मुनाफे की उम्मीद है।
कंपनी का सफ़र और कामकाज
अमांता हेल्थकेयर मुख्य रूप से स्टेराइल इंजेक्टेबल्स, IV फ्लूड्स, नेत्र संबंधी सॉल्यूशंस, रेस्पिरेटरी केयर प्रोडक्ट्स और मेडिकल डिवाइसेज़ बनाती है। कंपनी की खास तकनीकें SteriPort (ISBM) और ABFS (Aseptic Blow-Fill-Seal) ब्रांड नाम से जानी जाती हैं।
देश के भीतर कंपनी का मजबूत नेटवर्क है जिसमें 320 से ज़्यादा डिस्ट्रीब्यूटर और स्टॉकिस्ट शामिल हैं। वहीं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर यह अफ्रीका, लैटिन अमेरिका, ब्रिटेन और अन्य उभरते बाज़ारों में अपने उत्पाद बेचती है। अगर आंकड़ों पर नज़र डालें, तो FY25 में कंपनी की 55% कमाई घरेलू ब्रांडेड जेनेरिक्स से आई, जबकि 33% कमाई अंतरराष्ट्रीय बाज़ारों से और शेष 10% पार्टनरिंग व कॉन्ट्रैक्ट मैन्युफैक्चरिंग से आई।
गुजरात के हरियाला स्थित इसकी आधुनिक फैक्ट्री में सात उत्पादन लाइनें हैं, जिन्हें भारत और विदेशी रेगुलेटर्स से सर्टिफिकेशन मिला हुआ है।
वित्तीय प्रदर्शन
अगर कंपनी के वित्तीय आंकड़ों को देखें तो FY25 में इसकी कंसोलिडेटेड राजस्व ₹274.7 करोड़ रहा, जो FY24 के ₹280.3 करोड़ से थोड़ा कम है। हालांकि, मुनाफे में जबरदस्त सुधार देखने को मिला। FY24 में जहां कंपनी का प्रॉफिट ₹3.6 करोड़ था, वहीं FY25 में यह बढ़कर ₹10.5 करोड़ पहुंच गया।
आईपीओ से जुटाई गई राशि का उपयोग
कंपनी इस आईपीओ से मिले धन का इस्तेमाल अपने कारोबार को और मज़बूत करने में करना चाहती है। इसमें से लगभग ₹70 करोड़ का निवेश SteriPort लाइन के विस्तार में किया जाएगा, जबकि ₹30.1 करोड़ नई SVP लाइन लगाने में खर्च होंगे। शेष राशि सामान्य कॉर्पोरेट जरूरतों के लिए इस्तेमाल की जाएगी।
निवेशकों के लिए अवसर या जोखिम?
किसी भी आईपीओ में निवेश करने से पहले निवेशक यह जानना चाहते हैं कि क्या इसमें भविष्य में दम है। विश्लेषकों के अनुसार, अमांता हेल्थकेयर जिस क्षेत्र में काम कर रही है, यानी स्टेराइल फ़ार्मास्युटिकल्स और मेडिकल डिवाइसेज़, उसकी मांग भारत समेत दुनिया भर में तेजी से बढ़ रही है।
Investor4Edu ने इस आईपीओ को सब्सक्राइब करने की सलाह दी है। उनका मानना है कि कंपनी आने वाले वर्षों में बाज़ार की मांग का बड़ा हिस्सा अपने नाम कर सकती है। हालांकि, ध्यान देने वाली बात यह भी है कि ₹126 के ऊपरी प्राइस बैंड पर शेयर का मूल्यांकन लगभग 47 गुना FY25 की कमाई पर किया गया है। इसका मतलब यह है कि यह आईपीओ सस्ता नहीं है बल्कि पहले से ही फुली प्राइस्ड माना जा रहा है।
फिर भी, कंपनी की अंतरराष्ट्रीय पहुंच, विविध उत्पाद पोर्टफोलियो और 120 से अधिक देशों में प्रमाणपत्र हासिल होने से यह आने वाले समय में और भी मज़बूत स्थिति में खड़ी हो सकती है।
निष्कर्ष
अमांता हेल्थकेयर का आईपीओ उन निवेशकों के लिए आकर्षक हो सकता है जो हेल्थकेयर सेक्टर और फ़ार्मा इंडस्ट्री में लंबी अवधि का निवेश करना चाहते हैं। हालांकि, शॉर्ट टर्म निवेशक भी लिस्टिंग गेन को लेकर उत्साहित हैं, क्योंकि ग्रे मार्केट की चाल फिलहाल सकारात्मक है।
Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारी केवल शैक्षिक और सामान्य जागरूकता के उद्देश्य से है। निवेश करने से पहले अपने वित्तीय सलाहकार से परामर्श अवश्य लें।
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