TCS Salary Hike 2025: भारत की सबसे बड़ी आईटी कंपनी टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज़ (TCS) ने आखिरकार अपने कर्मचारियों को लंबे इंतज़ार के बाद बड़ी राहत दी है। कंपनी ने मंगलवार, 2 सितंबर को ऐलान किया कि वह अपने कर्मचारियों को 4.5% से 7% तक वेतन वृद्धि दे रही है। खास बात यह है कि टॉप परफॉर्मर्स को 10% से भी ज्यादा सैलरी हाइक मिला है। यह बढ़ोतरी सितंबर 2025 से लागू होगी।
कर्मचारियों को मिला लंबे इंतज़ार का तोहफ़ा
पिछले दो महीनों से TCS कर्मचारियों के बीच यह चर्चा लगातार बनी हुई थी कि कंपनी वेतन वृद्धि को टाल रही है। मार्केट की अस्थिर परिस्थितियों के चलते कंपनी ने इस फैसले को बार-बार आगे बढ़ाया, लेकिन अब जाकर कर्मचारियों को खुशखबरी मिली है। जानकारी के अनुसार, TCS ने 1 सितंबर की शाम को कर्मचारियों को इनक्रिमेंट लेटर भेजना शुरू कर दिया है।
कंपनी के इस फैसले ने उन लाखों कर्मचारियों को राहत दी है जो वेतन वृद्धि का इंतज़ार कर रहे थे। कई कर्मचारियों का मानना है कि यह बढ़ोतरी न केवल उनकी मेहनत का सम्मान है बल्कि कठिन परिस्थितियों में एक नई ऊर्जा भी देती है।
लोअर और मिड-लेवल कर्मचारियों को खास फायदा
PTI की रिपोर्ट के मुताबिक, इस बार TCS ने खासतौर पर अपने लोअर और मिड-लेवल कर्मचारियों पर ध्यान दिया है। उन्हें 4.5% से 7% तक का इनक्रिमेंट दिया गया है। वहीं, जो कर्मचारी बेहतरीन प्रदर्शन कर रहे हैं, उन्हें 10% से ज्यादा की बढ़ोतरी से नवाज़ा गया है। यह कदम कंपनी की उस रणनीति को दिखाता है जिसमें टैलेंट को रोकने और कर्मचारियों के मनोबल को बढ़ाने पर जोर दिया गया है।
एट्रिशन रेट बनी चिंता की वजह
हालांकि, TCS के लिए एक बड़ी चुनौती अभी भी सामने है—कर्मचारियों का कंपनी छोड़ना यानी एट्रिशन। Mint की रिपोर्ट के अनुसार, अप्रैल-जून 2025 तिमाही में TCS का एट्रिशन रेट 13.8% हो गया है। यह आंकड़ा पिछले वित्त वर्ष की चौथी तिमाही के 13.3% से ज्यादा है और पिछले दो सालों में सबसे ऊंचा स्तर है।
कंपनी के चीफ ह्यूमन रिसोर्स ऑफिसर (CHRO) मिलिंद लक्कड़ ने पहले ही माना था कि मौजूदा एट्रिशन रेट उनकी “कम्फर्ट लेवल” यानी 13% से ज्यादा है। उन्होंने कहा था कि कंपनी लगातार इस दर को कम करने की कोशिश कर रही है।
क्यों अहम है यह वेतन वृद्धि?
TCS जैसी बड़ी आईटी कंपनी में वेतन वृद्धि सिर्फ पैसों का सवाल नहीं है, बल्कि यह कर्मचारियों के विश्वास और भविष्य की सुरक्षा से भी जुड़ा है। पिछले कुछ समय से आईटी सेक्टर मंदी और अनिश्चितताओं से जूझ रहा है। कई कंपनियों ने हायरिंग पर रोक लगा दी है, तो कहीं नौकरी से निकालने की खबरें आईं। ऐसे माहौल में TCS का यह कदम कर्मचारियों के मनोबल को ऊंचा करने वाला है।
कर्मचारी अक्सर मानते हैं कि वेतन वृद्धि उनकी मेहनत की सबसे बड़ी पहचान होती है। खासतौर पर जब बाजार की स्थिति चुनौतीपूर्ण हो और काम का दबाव ज्यादा, तब एक सकारात्मक फैसला कर्मचारियों को लंबे समय तक कंपनी के साथ जोड़े रख सकता है।
भविष्य की झलक
TCS का यह फैसला सिर्फ कर्मचारियों को राहत देने वाला नहीं है, बल्कि यह संकेत भी देता है कि कंपनी भविष्य में अपनी वर्कफोर्स को और मजबूत बनाने पर ध्यान देगी। बढ़ते एट्रिशन रेट को देखते हुए, इस तरह की पहल से कर्मचारियों का विश्वास फिर से मजबूत होगा और टैलेंट को बनाए रखने में मदद मिलेगी।
आईटी इंडस्ट्री में अक्सर कहा जाता है कि कंपनी की सबसे बड़ी ताकत उसके लोग होते हैं। ऐसे में, TCS का यह कदम न केवल मौजूदा कर्मचारियों के लिए फायदेमंद है बल्कि इंडस्ट्री में भी एक सकारात्मक संदेश देता है।
Disclaimer: यह लेख सार्वजनिक रूप से उपलब्ध रिपोर्टों और मीडिया स्रोतों पर आधारित है। इसमें दी गई जानकारी का उद्देश्य केवल सामान्य जानकारी प्रदान करना है। किसी भी तरह की वित्तीय या रोजगार संबंधी निर्णय लेने से पहले संबंधित आधिकारिक स्रोत से पुष्टि करना आवश्यक है।
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